बुधवार, 4 मार्च 2009

शिखर की अंतरिक्ष यात्रा भाग-५: कहानी: हेम चन्द्र जोशी



शिखर की अंतरिक्ष यात्रा भाग-५: कहानी: हेम चन्द्र जोशी

शिखर ने रैकेट और शटल काक हाथ में पकड. कर चारों ओर देखा. मामाजी उस को अपनी ओर बुला रहे थे. वह दौड. कर उनके पास पहुंच गया. उस ने देखा कि मामाजी भी कुछ परेशान है. उस ने हेडफोन द्वारा मामाजी से पूछा कि क्या बात हो गई है?  


मामाजी ने चुप रहने को कहा और फिर सामने की ओर इशारा कर दिया. 

शिखर ने देखा कि एक व्यक्ति काला अंतरिक्ष सूट पहने उसी ओर भागा चला आ रहा हैं. उसे के पीछे एक लंबा सा आदमी चला आ रहा था. शिखर को लगा कि इस लंबे आदमी को उस ने पहले भी कहीं देखा है. तभी एकाएक उस को याद आ गया कि वह कर्नल कृपाल हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष यान स्टेशन पर हार्ट अटैक के मरीज का इलाज किया था. तभी शिखर के अंतरिक्ष सूट के अंदर लगे हेडफोन पर कर्नल कृपाल की रोबदार आवाज गूंजी, ”मि. एडवर्ड तुम पकडे. गये हो. अपने आप को मेरे हवाले कर दो... इसी में तुम्हारी भलाई है.“

पर एडवर्ड ने कोई उत्तर न दिया और वह भागता भागता बैडमिंटन कोर्ट के पास पहुंच गया. शिखर डर से कांप गया. उस ने देखा कि गोरे अंग्ररेज एडवर्ड के हाथॊ मे पिस्तौल है. वह बार बार गुस्से से पिस्तौल को लहरा रहा था. शिखर को लगा कि अब दुर्घटना घटे बिना नही रहेगी. पता नहीं यह बदमाश क्या अनर्थ कर डाले. उसे कर्नल कृपाल की भी चिंता हो उठी. शिखर ने हेडफोन में चीख कर कहा, ”कर्नल साहब, बदमाश के हाथो मे पिस्तौल है. आप सावधान रहिएगा. कहीं यह आप पर हमला न कर दे“
 उधर कर्नल ने एडवर्ड को फिर चेतावनी दी कि वह चारों ओर से घेरा जा चुका है. उस के बचने का अब कोई रास्ता नहीं है. अतः उसे आत्मसमर्पण कर देना चाहिए.

पर एडवर्ड  ने कर्नल की बातों पर कोई  ध्यान न दिया. 

शिखर को हेडफोन पर एडवर्ड के गुर्राने की आवाज आई. वह क्रोध से बोला, ”तुम ज्यादा चतुर बनने की कोशिश मत करों. यदि तुमने मेरे पास आने की कोशिश की तो मैं तुम को गोली मार दू‘गा.  ध्यान रहें यदि मैं ने अंतरिक्ष  नगर की छत में गोली से छेद कर दिया तो शीशो के बीच में उंचे दबाव में भरी गैस बाहर निकल जाएगी...फिर तुम अंतरिक्ष नगर को बचा नहीं पायोगे.“

एकाएक कर्नन की चाल धीमी पड. गई. उनको रूकता  हुआ देख कर एडवर्ड हंस पडा और बोला, ”तुम समझदार व्यक्ति लग रहे हो. अब मेरे लिए एक अंतरिक्ष यान का इंतजाम करो ताकि मैं यहां से सुरक्षित भाग सकूं. इस काम के लिए मैं तुम को 2 घंटे का समय देता हू‘, केवल 2 घंटे का,“ उस ने धमकी भरे शब्दो‘ में कहा.

तब तक शिखर और मामाजी भी भाग कर कर्नल के पास पहुच गए. कर्नल साहब ने बताया, ”एडवर्ड एक खतरनाक अपराधी है. इस ने महत्वपूर्ण सूचनाएं विदेशो को भेजी है. यदि यह पकडा गया तो हमारे हाथो ढेर सारे जासूस पकडें. जाएंगे. यह व्यक्ति भी हमारी अंतरिक्ष यान में पृथ्वी से साथ साथ आया  था. किंतु मैं इस को पहचान नहीं पाया क्योंकि इस ने अपनी दाढी और मूछे बढा ली हैं. पर कल मैं ने इसे गुप्त सूचनाएं एकत्र करते देखा तो याद आ गया कि यह वही एडवर्ड है, जिसे घायल अवस्था में सैनिक अस्पताल में लाया गया था. पर यह किसी प्रकार वहां से भाग निकला क्योंकि तब तक इस के बारे में जानकारी प्राप्त न हो पाई थी,“

”इस खतरनाक अपराधी को पकड.ने में मैं आप की सहायता कैसे करू?“ मामाजी ने कर्नल से पूछा.

कर्नल साहब बोले, ”यह बडा खतरनाक अपराधी है. यदि इस ने वास्तव में अंतरिक्ष नगर के शीशो  में गोली चला दी तो बडा अनर्थ हो सकता है, ”फिर वह एक धीमी सी आह भरते हुए बोले, ”काश मैं ने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनी होती.“ 

कर्नल साहब की बात सुन कर मामाजी  चॊक उठे. उन्होंने कर्नल से कहा, ”मेरा स्पेस (अंतरिक्ष) सूट विशेष  प्रकार से बना है. इस को पहन कर हम अंतरिक्ष में विभिन्न कार्य करते हैं. अतः किसी दुर्घटना की संभावना से बचने के लिए इस को बुलेटप्रूफ जैकेट की भाति ही मजबूत बनाया गया है. आप चिंता न करें. आप इसे बातों में उलझाइए, मैं इस पर पीछे से हमला करूंगा.“ 

मामाजी दबे पांव धीरे धीरे खिसक लिए. शिखर सांस रोक कर देखता रहा कि किस प्रकार वह एडवर्ड के पीछे जा पहुंचे. पर ने जाने कैसे एडवर्ड को शक हो गया वह एकाएक पीछे को घूम गया. मामाजी को अपनी ओर बढता देख कर उस ने आपा खो दिया. एक जोरदार रोशनी दिखाई दी. शिखर ने घबरा कर आंखें बंद कर ली और घबराई आवाज में जोर से चिल्लाया, ”मामाजी, आप ठीक हैं न........?“

एडवर्ड ने मामाजी के उपर गोली चला दी थी रोशनी पिस्तौल से ही निकली थी.

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